अमरकंद पौधे के बारे में आयुर्वेदिक जानकारी
Benefits of Ayurvedic Medicine Amarkand (Hindi)
• मराठी नाम : अमरकंद, मानकंद
• हिंदी नाम : गोरुमा, अंबरकंद
• संस्कृत नाम : मालाकंद, पंक्तीकंद
• पाए जाने वाले देश :
भारत, ब्रह्मदेश (म्यांमार), चीन, श्रीलंका, म्यांमार तथा संपूर्ण दक्षिण-पूर्व एशिया और उष्ण कटिबंधीय देश।
• पौधे का प्रकार :
यह एक भूमिगत कंदयुक्त पौधा है तथा रोपवर्गीय वनस्पति के समूह में आता है।
• गुणधर्म :
अमरकंद स्वाद में स्निग्ध, हल्का तीखा और शरीर को उत्तेजना देने वाला होता है। यह भूख बढ़ाने तथा शरीर को उत्साहित करने वाला कंद है।
• पत्ते :
इस पौधे के पत्ते सरल पत्ते (simple leaves) प्रकार में आते हैं। यह पत्ते कर्दली या हल्दी के पत्तों की तरह दिखाई देते हैं। पत्ते एक के साथ एक बढ़ते हैं।
• तना :
इस वनस्पति में स्पष्ट तना नहीं होता, बल्कि पत्तों को जोड़ने वाला नरम, मांसल तने जैसा भाग दिखाई देता है।
औषधीय भाग :
इस पौधे की जड़ शंकु के आकार की, पीली-भूरी रंग की व हल्दी जैसी दिखाई देती है। इसी भाग का औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। कई कंद एक साथ जुड़े होते हैं।
अमरकंद के औषधीय गुण एवं महत्व :
• पैरों में दरारें (फटी एड़ियाँ) होने पर अमरकंद और हल्दी को भूनकर खाने से दरारें भरने लगती हैं।
• हाथ–पैर में झुनझुनी आती हो, सुन्नता हो, रीढ़ की नसों में गैप हो, घुटनों की नसें–मांसपेशियाँ घिस गई हों—तो अमरकंद खाना लाभकारी है।
• संधिवात, घुटनों का दर्द, मांसपेशियों में सुन्नता—इन स्थितियों में अमरकंद फायदेमंद है।
• हड्डियों के जोड़ में दर्द, गर्दन का दर्द, सायटिका के कारण होने वाला पैर का दर्द या नसों में जलन–दर्द—इन पर अमरकंद लाभकारी होता है।
• शरीर की उष्णता कम करने, कावी (जॉन्डिस) जैसे रोगों में अमरकंद का सेवन उपयोगी है।
• मज्जातंतुओं की समस्या, आंतरिक दर्द, मांसपेशियों का अकड़ना—इन पर अमरकंद लाभकारी है।
• शरीर में कोशिकाओं की वृद्धि से बनने वाली गाठें कम करने में अमरकंद सहायक होता है।
• श्वासनली में जलन, दर्द, गलगंड उठना, रक्तविकार होने पर अमरकंद लाभदायक है।
• शरीर में कृमि (कीड़े) होने पर, तथा अनावश्यक गाठें बनने पर अमरकंद खाना फायदेमंद होता है।
• सी-सेक्शन (सिजेरियन) डिलीवरी के बाद, इंजेक्शन एवं औषधियों के प्रभाव से हड्डियों में कमजोरी, नसों में दर्द, रीढ़ की समस्याएँ—इनमें अमरकंद का सेवन उपयोगी है।
अमरकंद का सेवन कैसे करें?
• अमरकंद का चूर्ण बनाकर रोज सुबह व शाम दूध या पानी में उबालकर उसके पानी/दूध का सेवन करना लाभदायक है, क्योंकि इसमें प्रोटीन जैसे गुण उतर आते हैं।
• शरीर पर सूजन तथा गाठें होने पर—अमरकंद को गोमूत्र में पीसकर लेप लगाने से सूजन कम होती है और गाठें भी गलने लगती हैं।
• अमरकंद की पेस्ट या कंद को मसलकर दूध या पानी में उबालकर पीने से पेट के कीड़े मरते हैं और गाठें धीरे–धीरे कम होती हैं। यह उपचार 15 दिन करना चाहिए।
• कंद सुखाकर चूर्ण बनाकर सुबह व शाम पानी या दूध के साथ लेना लाभकारी है।
• कमजोर और भुरभुरी हड्डियों को मजबूत बनाने में अमरकंद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Benefits of Ayurvedic Medicine Amarkand (Hindi)





















































