बेडकी का पत्ता / गुड़मार इस वनस्पति की आयुर्वेदिक जानकारी
Bedkicha pala / Gudmar information in Hindi
• मराठी नाम : बेडकीचा पाला
• हिंदी नाम : गुड़मार
• संस्कृत नाम : मेषशृंगी
• लैटिन नाम : Gymnema Sylvestre
• संरचना :
यह एक जंगली बेल है। यह आसानी से बढ़ती है। किसी पेड़ या तने पर चढ़ी हुई यह बेल जंगल में देखने को मिलती है।
• पत्ते :
इस बेल के पत्ते साधारण प्रकार के होते हैं। ये एक के पीछे एक लगते हैं। साथ ही तने के दोनों तरफ आमने-सामने भी उगते हैं।
• फूल :
इस वनस्पति में छोटे-छोटे पीले रंग के फूल आते हैं।
• विशेषताएँ (लक्षण) :
बेडकी का पत्ता यानी गुड़मार यह औषध लघु गुण वाला, प्रकृति से उष्ण, कषाय रस युक्त व रूक्ष होता है। इसका स्वाद कड़वा होता है। इसके सेवन से 10–15 मिनट तक मुंह की स्वादेंद्रिय काम नहीं करती, यानी मीठा स्वाद नहीं लगता।
बेडकी के पत्ते / गुड़मार के औषधीय गुणधर्म व महत्व :
• मधुमेह (डायबिटीज) :
गुड़मार शरीर में बढ़ी हुई शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। मधुमेह होने पर इसकी पत्तियों का दैनिक सेवन करने से शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
• शरीर की पाचन और ऊर्जा क्रिया :
यह शरीर में इंसुलिन क्रिया बढ़ाने में मदद करता है। इससे शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।
• हृदय :
गुड़मार शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) को कम करने में सहायक है।
इससे हृदय पर दबाव कम होता है और हृदय की कार्यप्रणाली सुचारू रहती है।
साथ ही यह ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करता है।
• कफ और वात विकार :
शरीर में कफ बढ़ा हो तो गुड़मार के सेवन से कफ पतला होकर बाहर निकलता है।
सांस फूलना, दम लगना जैसी समस्याएँ भी कम होती हैं।
वात दोष में भी यह औषध लाभकारी है।
• जठर / पाचन :
उष्ण गुण के कारण यह पाचन क्रिया सुधारता है और भोजन पचाने में मदद करता है।
इसके अलावा यह लीवर की क्रिया सुधारने में भी उपयोगी है।
• मूत्रविसर्जन क्रिया :
यह मूत्र साफ होने में मदद करता है।
शरीर में बढ़ा हुआ ग्लूकोज कम करने में मूत्रविसर्जन सुधार आवश्यक होता है—यह औषध इसमें मदद करती है।
लघवी करते समय जलन हो तो यह कमी करती है।
• स्त्री रोग :
मासिक धर्म के समय दर्द हो या स्त्राव कम निकलता हो तो गुड़मार लाभदायक है।
यह स्त्राव बढ़ाता है और गर्भाशय की क्रिया सुधारता है।
बेडकी के पत्ते का सेवन कैसे करें?
बेल की सूखी पत्तियों का चूर्ण रोज सुबह और शाम भोजन के बाद 1–3 ग्राम पानी के साथ लेना चाहिए।
गुड़मार का चूर्ण कैसे तैयार करें?
पत्तों को तोड़कर छाया में सुखाएँ।
सूखने पर पाउडर बनाकर रखें।
गर्मी के दिनों में नई कोमल पालवी (नए पत्ते) चुनकर चूर्ण बनाना अधिक लाभकारी होता है, क्योंकि उस समय सूर्यप्रकाश अधिक होता है।
गुड़मार का सेवन करते समय सावधानी :
• जिन व्यक्तियों को मधुमेह है, उन्होंने गुड़मार लेते समय अपनी शुगर लेवल नियमित रूप से चेक करनी चाहिए।
• यदि शुगर लेवल कम हो तो सेवन न करें।
• किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही प्रकृति (Prakriti) देखकर इसका सेवन करना उचित है।
• कुछ दिनों बाद शुगर कम दिखाई दे तो सेवन बंद कर देना चाहिए।
ऐसी है बेडकी का पत्ता / गुड़मार इस औषधीय वनस्पति की विस्तृत आयुर्वेदिक जानकारी।
































